भाषा-समिति: Difference between revisions
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<p> पाँच समितियों में दूसरी समिति । दस प्रकार के कर्कश और कठोर वचनों का त्याग करके हित-मित और प्रिय वचन बोलना भाषा-समिति है । हरिवंशपुराण 2. 123, पांडवपुराण 9.92</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पाँच समितियों में दूसरी समिति । दस प्रकार के कर्कश और कठोर वचनों का त्याग करके हित-मित और प्रिय वचन बोलना भाषा-समिति है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#123|हरिवंशपुराण - 2.123]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.92 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
पाँच समितियों में दूसरी समिति । दस प्रकार के कर्कश और कठोर वचनों का त्याग करके हित-मित और प्रिय वचन बोलना भाषा-समिति है । हरिवंशपुराण - 2.123, पांडवपुराण 9.92