नमि: Difference between revisions
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<li> (प.पु./३/३०६-३०८)‒नमि और विनमि ये दो भगवान् आदिनाथ के साले के पुत्र थे। ध्यानस्थ अवस्था में भगवान् से भक्ति पूर्वक राज्य की याचना करने पर धरणेन्द्र ने प्रगट होकर इन्हें विजयार्ध की श्रेणियों का राज्य दे दिया और साथ ही कुछ | <li> (प.पु./३/३०६-३०८)‒नमि और विनमि ये दो भगवान् आदिनाथ के साले के पुत्र थे। ध्यानस्थ अवस्था में भगवान् से भक्ति पूर्वक राज्य की याचना करने पर धरणेन्द्र ने प्रगट होकर इन्हें विजयार्ध की श्रेणियों का राज्य दे दिया और साथ ही कुछ विद्याएँ भी प्रदान की। इन्हीं से ही विद्याधर वंश की उत्पत्ति हुई।‒ देखें - [[ इतिहास#7.14 | इतिहास / ७ / १४ ]]‒म.पु./१८/९१-१४१। </li> | ||
<li> भगवान् वीर के तीर्थ का एक अन्तकृत केवली‒देखें - [[ अन्तकृत् | अन्तकृत् । ]]</li> | <li> भगवान् वीर के तीर्थ का एक अन्तकृत केवली‒देखें - [[ अन्तकृत् | अन्तकृत् । ]]</li> | ||
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Revision as of 22:20, 1 March 2015
- (प.पु./३/३०६-३०८)‒नमि और विनमि ये दो भगवान् आदिनाथ के साले के पुत्र थे। ध्यानस्थ अवस्था में भगवान् से भक्ति पूर्वक राज्य की याचना करने पर धरणेन्द्र ने प्रगट होकर इन्हें विजयार्ध की श्रेणियों का राज्य दे दिया और साथ ही कुछ विद्याएँ भी प्रदान की। इन्हीं से ही विद्याधर वंश की उत्पत्ति हुई।‒ देखें - इतिहास / ७ / १४ ‒म.पु./१८/९१-१४१।
- भगवान् वीर के तीर्थ का एक अन्तकृत केवली‒देखें - अन्तकृत् ।