हा: Difference between revisions
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
प्रथम पाँच कुलकरों के समय की एक दण्ड व्यवस्था । इसमें अपराधियों को ‘‘खेद है कि तुमने ऐसा अपराध किया’’ दण्ड स्वरूप ऐसा कहा जाता था । महापुराण 3. 214