मत: Difference between revisions
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<li> सम्यग्दृष्टि में परस्पर मतभेद नहीं होता–देखें [[ सम्यग्दृष्टि#4 | सम्यग्दृष्टि - 4]]। </li> | <li> सम्यग्दृष्टि में परस्पर मतभेद नहीं होता–देखें [[ सम्यग्दृष्टि#4 | सम्यग्दृष्टि - 4]]। </li> |
Revision as of 16:30, 19 August 2020
- मिथ्यामत–देखें एकांत - 5।
- सर्व एकांत मत मिलकर एक जैनमत बन जाता है–देखें अनेकांत - 2.6।
- कोई भी मत सर्वथा मिथ्या नहीं–देखें नय - II।
- सम्यग्दृष्टि में परस्पर मतभेद नहीं होता–देखें सम्यग्दृष्टि - 4।
- आगम गत अनेक विषयों में आचार्यों का मतभेद–देखें दृष्टिभेद ।