सदार्चनपूजा: Difference between revisions
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<p> नित्यमहपूजा । घर से प्रतिदिन गंध, पूजन, अक्षत आदि द्रव्य ने जाकर जिनालय में जिनेंद्र की पूजा करना तथा मंदिर आदि का भक्तिपूर्वक निर्माण कराकर वहाँ अर्हंत-प्रतिमा की स्थापना कराना और पूजा आदि की व्यवस्था के लिए दान-पत्र लिखकर ग्राम, क्षेत्र आदि देना । <span class="GRef"> महापुराण 38.26-28 </span>।</p> | <div class="HindiText"> <p> नित्यमहपूजा । घर से प्रतिदिन गंध, पूजन, अक्षत आदि द्रव्य ने जाकर जिनालय में जिनेंद्र की पूजा करना तथा मंदिर आदि का भक्तिपूर्वक निर्माण कराकर वहाँ अर्हंत-प्रतिमा की स्थापना कराना और पूजा आदि की व्यवस्था के लिए दान-पत्र लिखकर ग्राम, क्षेत्र आदि देना । <span class="GRef"> महापुराण 38.26-28 </span>।</p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
नित्यमहपूजा । घर से प्रतिदिन गंध, पूजन, अक्षत आदि द्रव्य ने जाकर जिनालय में जिनेंद्र की पूजा करना तथा मंदिर आदि का भक्तिपूर्वक निर्माण कराकर वहाँ अर्हंत-प्रतिमा की स्थापना कराना और पूजा आदि की व्यवस्था के लिए दान-पत्र लिखकर ग्राम, क्षेत्र आदि देना । महापुराण 38.26-28 ।