अजितनाथ: Difference between revisions
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{{TirthankarInfo | |||
|title = | |||
|image = | |||
| Tirthankar-Number = 2 | |||
| Tirthankar-Name = अजितनाथ | |||
| PurvManushyaBhav = विमलवाहन | |||
| PurvManushyaBhavTitle = मण्डलेश्वर | |||
| PurvManushyaBhavFather = महातेज | |||
| PurvManushyaBhavCity = ” ” सुसीमा | |||
| PurvDevBhav = विजय | |||
| BirthCity = अयोध्या | |||
| Chihn = गज | |||
| Yaksha = महायक्ष | |||
| Yakshini = रोहिणी | |||
| Father = जितशत्रु | |||
| Mother = विजयसेना | |||
| Vansh = इक्ष्वाकु | |||
| GarbhDate = ज्येष्ठ कृष्ण 15 | |||
| Garbh-Nakshatra = रोहिणी | |||
| Garbh-Period = ब्रह्ममुहूर्त | |||
| BirthDate = माघ शुक्ल 10 | |||
| Birth-Nakshatra = रोहिणी | |||
| Birth-Yog = प्रजेशयोग | |||
| Height = 450 धनुष | |||
| Color = स्वर्ण | |||
| VairagyaReason = उल्कापात | |||
| Diksha-Date = माघ शुक्ल 9 | |||
| Diksha-Nakshatra = रोहिणी | |||
| Diksha-Period = अपराह्न | |||
| Diksha-Upvaas = अष्ट भक्त | |||
| Diksha-Van = सहेतुक | |||
| Diksha-Vruksha = सप्तवर्ण | |||
| Diksha-Sah-Dikshit = 1000 | |||
| Keval-Date = पौष शुक्ल 14 | |||
| Keval-Nakshatra = रोहिणी | |||
| Keval-Period = अपराह्न | |||
| Keval-Place = अयोध्या | |||
| Keval-Forest = सहेतुक | |||
| Keval-Vruksha = सप्तपर्ण | |||
| Samavasharan-Length = 11 1/2 योजन | |||
| Yog-Nivrutti-Period = 1 मास पूर्व | |||
| Nirvaan-Date = चैत्र शुक्ल 5 | |||
| Nirvaan-Nakshatra = भरणी | |||
| Nirvaan-Period = पूर्वाह्न | |||
| Nirvaan-Place = सम्मेद | |||
| Sah-Mukt = 1000 | |||
| Purvdhaari = 3750 | |||
| Shikshak = 21600 | |||
| Avadhigyaani = 9400 | |||
| Kevali = 20000 | |||
| Vikriyadhaari = 20400 | |||
| Manahparyaygyaani = 12450 | |||
| Vaadi = 12400 | |||
| All-Rishi-Count = 100000 | |||
| Gandhar-Count = 90 | |||
| Ganadhar-Main = केसरिसेन | |||
| Aaryika-Count = 320000 | |||
| Aaryika-Main = प्रकुब्जा | |||
| Shraavak-Count = 300000 | |||
| Shraavika-Count = 500000 | |||
| Life = 72 लाख पूर्व | |||
| Kumaar-Period = 18 लाख पूर्व | |||
| Raja-Vishesh = मण्डलीक | |||
| Rajya-Duration = 53 लाख पूर्व+1 पूर्वांग | |||
| Chhadmath-Duration = 12 वर्ष | |||
| Kevali-Kaal = 1 लाख पू.–(1 पूर्वांग 12 वर्ष) | |||
| Janm-Gap = 50 लाख करोड़ सागर +12 लाख पू. | |||
| Keval-Gap = 30 लाख करोड़ सागर +3 पूर्वांग 2 वर्ष | |||
| Nirvaan-Gap = 30 लाख करोड़ सागर | |||
| Tirth-Kaal = 30 लाख करोड़ सागर +3 पूर्वांग | |||
| Tirth-Gap = ❌ | |||
| Chakravarti = सगर | |||
| Baldev = ❌ | |||
| Narayan = ❌ | |||
| Pratinarayan = ❌ | |||
| Rudra = जितशत्रु | |||
| Shrota-Main = सगर | |||
}} | |||
<p>( महापुराण सर्ग संख्या 48/श्लोक) पूर्वभव नं. 3 में विदेह क्षेत्र के सुसीमा नगर का विमलवाहन नामक राजा था (2-4); पूर्वभव नं. 2 में अनुत्तर विमान में देव हुआ (13); वर्तमान भव - देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]।</p> | <p>( महापुराण सर्ग संख्या 48/श्लोक) पूर्वभव नं. 3 में विदेह क्षेत्र के सुसीमा नगर का विमलवाहन नामक राजा था (2-4); पूर्वभव नं. 2 में अनुत्तर विमान में देव हुआ (13); वर्तमान भव - देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]।</p> | ||
Revision as of 21:45, 1 April 2021
सामान्य परिचय
तीर्थंकर क्रमांक | 2 |
---|---|
चिह्न | गज |
पिता | जितशत्रु |
माता | विजयसेना |
वंश | इक्ष्वाकु |
उत्सेध (ऊँचाई) | 450 धनुष |
वर्ण | स्वर्ण |
आयु | 72 लाख पूर्व |
पूर्व भव सम्बंधित तथ्य
पूर्व मनुष्य भव | विमलवाहन |
---|---|
पूर्व मनुष्य भव में क्या थे | मण्डलेश्वर |
पूर्व मनुष्य भव के पिता | महातेज |
पूर्व मनुष्य भव का देश, नगर | ” ” सुसीमा |
पूर्व भव की देव पर्याय | विजय |
गर्भ-जन्म कल्याणक सम्बंधित तथ्य
गर्भ-तिथि | ज्येष्ठ कृष्ण 15 |
---|---|
गर्भ-नक्षत्र | रोहिणी |
गर्भ-काल | ब्रह्ममुहूर्त |
जन्म तिथि | माघ शुक्ल 10 |
जन्म नगरी | अयोध्या |
जन्म नक्षत्र | रोहिणी |
योग | प्रजेशयोग |
दीक्षा कल्याणक सम्बंधित तथ्य
वैराग्य कारण | उल्कापात |
---|---|
दीक्षा तिथि | माघ शुक्ल 9 |
दीक्षा नक्षत्र | रोहिणी |
दीक्षा काल | अपराह्न |
दीक्षोपवास | अष्ट भक्त |
दीक्षा वन | सहेतुक |
दीक्षा वृक्ष | सप्तवर्ण |
सह दीक्षित | 1000 |
ज्ञान कल्याणक सम्बंधित तथ्य
केवलज्ञान तिथि | पौष शुक्ल 14 |
---|---|
केवलज्ञान नक्षत्र | रोहिणी |
केवलोत्पत्ति काल | अपराह्न |
केवल स्थान | अयोध्या |
केवल वन | सहेतुक |
केवल वृक्ष | सप्तपर्ण |
निर्वाण कल्याणक सम्बंधित तथ्य
योग निवृत्ति काल | 1 मास पूर्व |
---|---|
निर्वाण तिथि | चैत्र शुक्ल 5 |
निर्वाण नक्षत्र | भरणी |
निर्वाण काल | पूर्वाह्न |
निर्वाण क्षेत्र | सम्मेद |
समवशरण सम्बंधित तथ्य
समवसरण का विस्तार | 11 1/2 योजन |
---|---|
सह मुक्त | 1000 |
पूर्वधारी | 3750 |
शिक्षक | 21600 |
अवधिज्ञानी | 9400 |
केवली | 20000 |
विक्रियाधारी | 20400 |
मन:पर्ययज्ञानी | 12450 |
वादी | 12400 |
सर्व ऋषि संख्या | 100000 |
गणधर संख्या | 90 |
मुख्य गणधर | केसरिसेन |
आर्यिका संख्या | 320000 |
मुख्य आर्यिका | प्रकुब्जा |
श्रावक संख्या | 300000 |
मुख्य श्रोता | सगर |
श्राविका संख्या | 500000 |
यक्ष | महायक्ष |
यक्षिणी | रोहिणी |
आयु विभाग
आयु | 72 लाख पूर्व |
---|---|
कुमारकाल | 18 लाख पूर्व |
विशेषता | मण्डलीक |
राज्यकाल | 53 लाख पूर्व+1 पूर्वांग |
छद्मस्थ काल | 12 वर्ष |
केवलिकाल | 1 लाख पू.–(1 पूर्वांग 12 वर्ष) |
तीर्थ संबंधी तथ्य
जन्मान्तरालकाल | 50 लाख करोड़ सागर +12 लाख पू. |
---|---|
केवलोत्पत्ति अन्तराल | 30 लाख करोड़ सागर +3 पूर्वांग 2 वर्ष |
निर्वाण अन्तराल | 30 लाख करोड़ सागर |
तीर्थकाल | 30 लाख करोड़ सागर +3 पूर्वांग |
तीर्थ व्युच्छित्ति | ❌ |
शासन काल में हुए अन्य शलाका पुरुष | |
चक्रवर्ती | सगर |
बलदेव | ❌ |
नारायण | ❌ |
प्रतिनारायण | ❌ |
रुद्र | जितशत्रु |
( महापुराण सर्ग संख्या 48/श्लोक) पूर्वभव नं. 3 में विदेह क्षेत्र के सुसीमा नगर का विमलवाहन नामक राजा था (2-4); पूर्वभव नं. 2 में अनुत्तर विमान में देव हुआ (13); वर्तमान भव - देखें तीर्थंकर - 5।