हैमवत
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
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पहले भारतवर्ष का ही दूसरा नाम रहा है। यथा -
मत्स्य/112/28इमं हैमवतं वर्षं भारतं नाम विश्रुतम् । =आगे चलकर वह स्वतंत्र एक वर्ष मान लिया गया है। यथा - इदं तु भारतं वर्षं ततो हैमवतं परम् । भारत भीष्म/6/7; जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना/142 A.N.Upadhey.। - राजवार्तिक/3/10/5/172/17 हिमवन्नाम पर्वत: तस्यादूरभव: सोऽस्मिन्नस्तीति वाणि सति हैमवतो वर्ष:। =[अढाई द्वीपों में स्थित प्रसिद्ध द्वितीय क्षेत्र है] हिमवान् नाम के पर्वत के पास का क्षेत्र, या जिसमें हिमवान् पर्वत है वह हैमवत है।
- हैमवत इस क्षेत्र का अवस्थान व विस्तारादि - देखें जंबूद्वीप निर्देश - 3.3|
- हैमवत क्षेत्र में काल वर्तनादि संबंधी - देखें काल 4.8 |
- हिमवान् पर्वत पर स्थित एक कूट व देव - देखें द्वीप पर्वतों आदि के नाम रस आदि - 5.4.4|
- महाहिमवान् पर्वतस्थ कूट व उसका स्वामी देव - देखें द्वीप पर्वतों आदि के नाम रस आदि - 5.4.5|
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखें द्वीप पर्वतों आदि के नाम रस आदि - 5.13।
पुराणकोष से
छ: कुलाचलों से विभाजित सात क्षेत्रों में दूसरा क्षेत्र । इसका विस्तार 2105 5/19 योजन है । महापुराण 63.191, पद्मपुराण - 105.159-160, हरिवंशपुराण 5.13-14 देखें क्षेत्र