ब्रह्मसेन
From जैनकोष
लाड़बागड़ संघ की गुर्वावली के अनुसार आप जयसेन के शिष्य तथा वीरसेन के गुरु थे । समय - वि. १०८० (ई. १०१३) (सि. सा. सं. की प्रशस्ति/१२/८८-९५) (जयसेनाचार्यकृतधर्मरत्नाकर ग्रन्थ की प्रशस्ति । (सि.सा.सं./प्र./८/A.N.Up.)- देखें - इतिहास / ७ / १० ।