अनुवृत्ति
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/33140/9 द्रव्यं सामान्यमुत्सर्गः अनुवृत्तिरित्यर्थः।
= द्रव्य का अर्थ सामान्य उत्सर्ग और अनुवृत्ति है।
स्याद्वादमंजरी श्लोक 4/16/2 एकाकारप्रतीतिरेकशब्दवाच्यता चानुवृत्तिः।
= एक नाम से जानने वाली प्रतीति को अनुवृत्ति अथवा सामान्य कहते हैं। किसी धर्म की विधिरूप से वृत्ति या अनुस्यूति को अनुवृत्ति कहते हैं। जैसे घट में घटत्व की अनुवृत्ति है।
( न्यायदीपिका अधिकार 3/$76)।