अनक्षरात्मक ज्ञान
From जैनकोष
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/316/676/3
श्रुतज्ञानस्य अनक्षरात्मकाक्षरात्मकौ द्वौ भेदौ।
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अनक्षरात्मक और अक्षरात्मक के भेद से श्रुतज्ञान के दो भेद हैं। [वाचक शब्द पर से वाच्यार्थ का ग्रहण अक्षरात्मक श्रुत है, और शीतादि स्पर्श में इष्टानिष्ट का होना अनक्षरात्मक श्रुत है।
- देखें श्रुतज्ञान - I.1।