गन्धमालिनी
From जैनकोष
- अपर विदेहस्थ एक क्षेत्र– देखें - लोक / ५ / २
- देवमाल वक्षार का एक कूट– देखें - लोक / ५ / ४ ,
- देवमाल वक्षार के गन्धमालिनी कूट का रक्षक देव– देखें - लोक / ५ / ४
- विदेह क्षेत्रस्थ एक विभंगा नदी– देखें - लोक / ५ / ८ ,
- गन्धमादनविजयार्ध पर्वतस्थ एक कूट– देखें - लोक / ५ / ४ ।