उपभोगपरिभोग-परिमाणव्रत
From जैनकोष
उपभोग (बार-बार भोगने में आने वाली) तथा परिभोग (एक बार भोगी जाने वाली) वस्तुओं में परिमाण करना । सचित्ताहार, सचित्त सबंधाहार, सचित्त सम्मिश्राहार, अभिषाहार और दुष्पक्वाहार ये इसके पाँच अतिचार है । हरिवंशपुराण 58.155-156, 182