उपग्रह
From जैनकोष
राजवार्तिक अध्याय संख्या ५/१७/३/४६०/२५ द्रव्याणां शक्त्यन्तराविर्भावे कारणभावोऽनुग्रह उपग्रह इत्याख्यायते।
= द्रव्यकी शक्तिका आविर्भाव करनेमें कारण होना रूप अनुग्रह कहा जाता है।
उपग्रह व्यभिचार - देखे नय III/६/७-८।
राजवार्तिक अध्याय संख्या ५/१७/३/४६०/२५ द्रव्याणां शक्त्यन्तराविर्भावे कारणभावोऽनुग्रह उपग्रह इत्याख्यायते।
= द्रव्यकी शक्तिका आविर्भाव करनेमें कारण होना रूप अनुग्रह कहा जाता है।
उपग्रह व्यभिचार - देखे नय III/६/७-८।