अभिधेय
From जैनकोष
द्रव्यसंग्रह / मूल या टीका गाथा 1/7/6 अनन्तज्ञानाद्यनन्तगुणाधारपरमात्मादिस्वभावोऽभिधेयो वाच्यः प्रतिपाद्यः।= अनन्तज्ञानादि अनन्तगुणों का आधार जो परमात्मा आदिका स्वभाव है, वह अभिधेय है, अर्थात् वाच्य या प्रतिपाद्य अथवा कथन करने योग्य विषय है।