कार्तिकेय
From जैनकोष
- भगवान् वीर के तीर्थ में अनुत्तरोपपादक हुए–देखें अनुत्तरोपपादक ;
- राजा क्रौंच के उपसर्ग द्वारा स्वर्ग सिधारे थे। समय—अनुमानत: ई॰ श॰ 1का प्रारंभ। ( कार्तिकेयानुप्रेक्षा/ प्र. 66।A. N. up.)।
- कार्तिकेयानुप्रेक्षा के कर्ता स्वामीकुमार का दूसरा नाम था। देखें कुमार स्वामी ।