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[[परमात्मप्रकाश]] / मूल या टीका अधिकार संख्या २/१६३/२७५ अम्बरशब्देन शुद्धाकाशं न ग्राह्यं किन्तु विषयकषायविकल्पशून्यपरमसमाधिर्ग्राह्यः। <br>= अम्बर शब्द आकाश का वाचक नहीं समझना, किन्तु समस्त विषय कषायरूप विकल्प जालों से शून्य परम समाधि लेना।<br>[[Category:अ]] | [[परमात्मप्रकाश]] / मूल या टीका अधिकार संख्या २/१६३/२७५ अम्बरशब्देन शुद्धाकाशं न ग्राह्यं किन्तु विषयकषायविकल्पशून्यपरमसमाधिर्ग्राह्यः। <br><p class="HindiSentence">= अम्बर शब्द आकाश का वाचक नहीं समझना, किन्तु समस्त विषय कषायरूप विकल्प जालों से शून्य परम समाधि लेना।</p><br>[[Category:अ]] [[Category:परमात्मप्रकाश]] |
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परमात्मप्रकाश / मूल या टीका अधिकार संख्या २/१६३/२७५ अम्बरशब्देन शुद्धाकाशं न ग्राह्यं किन्तु विषयकषायविकल्पशून्यपरमसमाधिर्ग्राह्यः।
= अम्बर शब्द आकाश का वाचक नहीं समझना, किन्तु समस्त विषय कषायरूप विकल्प जालों से शून्य परम समाधि लेना।