अब्बहुल
From जैनकोष
तिलोयपण्णत्ति अधिकार संख्या २/१९ अब्बहुलो वि भागं सलिलसरूवसव्वो होदि ।।१९।।
= अब्बहुल भाग (अधोलोकमें प्रथम पृथिवी) जलस्वरूपके आश्रयसे है।
• लोकमें इसका अवस्थान-दे. रत्नप्रभा।
तिलोयपण्णत्ति अधिकार संख्या २/१९ अब्बहुलो वि भागं सलिलसरूवसव्वो होदि ।।१९।।
= अब्बहुल भाग (अधोलोकमें प्रथम पृथिवी) जलस्वरूपके आश्रयसे है।
• लोकमें इसका अवस्थान-दे. रत्नप्रभा।