आर्यमंक्षु
From जैनकोष
दिगम्बर आम्नायमें आपका स्थान आ. पुष्पदन्त तथा भूतबलीके समकक्ष है। आ. गुणधरसे आगत पेज्ज दोसपाहुड के ज्ञानको आचार्य परम्परा द्वारा प्राप्त करके आपने तथा नागहस्तिने यतिवृषभाचार्य की दिया था। समय-वी.नि.६००-६५०(ई.७३-१२३) विशेष दे.कोश १। परिशिष्ट ३/३)