इच्छानिरोध: Difference between revisions
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<span class="GRef"> अनगारधर्मामृत/7/2/659 </span><span class="SanskritGatha">तपो मनोऽक्षकायाणां तपनात् संनिरोधनात् । निरुच्यते दृगाद्याविर्भावायेच्छानिरोधनम् ।2। </span>=<span class="HindiText">तप शब्द का अर्थ समीचीनतया निरोध करना होता है। अतएव रत्नत्रय का आविर्भाव करने के लिए इष्टानिष्ट इंद्रिय विषयों की आकांक्षा के निरोध का नाम तप है। </span> | <span class="GRef"> अनगारधर्मामृत/7/2/659 </span><span class="SanskritGatha">तपो मनोऽक्षकायाणां तपनात् संनिरोधनात् । निरुच्यते दृगाद्याविर्भावायेच्छानिरोधनम् ।2। </span>=<span class="HindiText">तप शब्द का अर्थ समीचीनतया निरोध करना होता है। अतएव रत्नत्रय का आविर्भाव करने के लिए इष्टानिष्ट इंद्रिय विषयों की '''आकांक्षा के निरोध''' का नाम तप है। </span> | ||
<p class="HindiText">देखें [[ तप#1.3|तप-1.3]] ।</p> | <p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ तप#1.3|तप-1.3]] ।</p> | ||
Latest revision as of 12:25, 20 July 2023
अनगारधर्मामृत/7/2/659 तपो मनोऽक्षकायाणां तपनात् संनिरोधनात् । निरुच्यते दृगाद्याविर्भावायेच्छानिरोधनम् ।2। =तप शब्द का अर्थ समीचीनतया निरोध करना होता है। अतएव रत्नत्रय का आविर्भाव करने के लिए इष्टानिष्ट इंद्रिय विषयों की आकांक्षा के निरोध का नाम तप है।
अधिक जानकारी के लिये देखें तप-1.3 ।