कटक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
धवला 14/5,6,42/40/1 वंसकंबीहि अण्णोण्णजणणाए जे किज्जंति घरावणादिवारणं ढंकणट्ठं ते कड्याणाम।=बाँस की कमचियों के द्वारा परस्पर बुनकर घर और अवन आदि के ढाँकने के लिए जो बनायी जाती हैं, वे कटक अर्थात् चटाई कहलाती हैं।
पुराणकोष से
कर का आभूषण (कड़ा) । नर और नारियाँ दोनों इसे पहनते थे । महापुराण 3.27, 7.235, 14.12, 15.199, 16.236, पद्मपुराण 3.193