तनुवात: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) लोक का चारों ओर से आवर्तक तीसरा वायुमंडल (वातवलय) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4-33-35, 5.1 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) लोक का चारों ओर से आवर्तक तीसरा वायुमंडल (वातवलय) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4-33-35, 5.1 </span></p> | ||
<p id="2">(2) ऊर्ध्वलोक के अंत में तनुवालवलय का अंतिम 525 धनुष प्रमाण सिद्धों का निवास क्षेत्र । <span class="GRef"> महापुराण 66.62 </span></p> | <p id="2">(2) ऊर्ध्वलोक के अंत में तनुवालवलय का अंतिम 525 धनुष प्रमाण सिद्धों का निवास क्षेत्र । <span class="GRef"> महापुराण 66.62 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
(1) लोक का चारों ओर से आवर्तक तीसरा वायुमंडल (वातवलय) । हरिवंशपुराण 4-33-35, 5.1
(2) ऊर्ध्वलोक के अंत में तनुवालवलय का अंतिम 525 धनुष प्रमाण सिद्धों का निवास क्षेत्र । महापुराण 66.62