तीर्थकृद् भावना: Difference between revisions
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<p> | <p> गृहस्थ की त्रेपन क्रियाओं में छब्बीसवीं क्रिया । इसमें सम्पूर्ण आचारशास्त्रों का अभ्यास और श्रुतज्ञान का विस्तार दिया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.55-63, 164-165 </span></p> | ||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
गृहस्थ की त्रेपन क्रियाओं में छब्बीसवीं क्रिया । इसमें सम्पूर्ण आचारशास्त्रों का अभ्यास और श्रुतज्ञान का विस्तार दिया जाता है । महापुराण 38.55-63, 164-165