भानुरक्ष
From जैनकोष
लंकाधिपति महारक्ष और उसकी रानी विमलाभा का तीसरा पुत्र । अमरक्ष और उदधिरक्ष इसके छोटे भाई थे । इसका दूसरा नाम भास्कररक्ष था । इसने गन्धर्वगीत नगर के सुरसन्निभ की पुत्री गन्धर्वा को विवाहा था । इससे इसके दस पुत्र और छ: पुत्रियाँ हुई थी । आयु के अन्त में इसने दीक्षित होकर तप किया और मोक्ष पाया । पद्मपुराण 5. 241-244, 361, 367, 369, 376