मल्लिनाथ
From जैनकोष
(म.पु./६६/श्लोक) पूर्व भव नं.२ में कच्छकावती देश के वीतशोक नगर के राजा वैश्रवण थे।(२)। पूर्व भव नं.१ में अपराजित विमान में अहमिन्द्र थे। (१४-१६)। (युगपत सर्वभव– देखें - / ६६ / ६६ ) वर्तमान भव में १९ वें तीर्थंकर हुए– देखें - तीर्थंकर / ५ ।