रामसेन: Difference between revisions
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<li> इन्होंने मथुरा नगर में माथुर संघ चलाया। वीरसेन के शिष्य। समय−वि. ८८०-९२० (ई. ८२३-८६३)। ( | <li> इन्होंने मथुरा नगर में माथुर संघ चलाया। वीरसेन के शिष्य। समय−वि. ८८०-९२० (ई. ८२३-८६३)। ( देखें - [[ इतिहास#7.11 | इतिहास / ७ / ११ ]])। </li> | ||
<li> सेन संघी आचार्य। गुरु−नागसेन (ई. १०४७)। शिक्षा गुरु–वीरचन्द, शुभदेव, महेन्द्रदेव, विजयदेव, रामसेन। कृति−तत्त्वानुशासन। समय−ई. श. ११ का उत्तरार्ध। (ती./३/२३२-२३८)। </li> | <li> सेन संघी आचार्य। गुरु−नागसेन (ई. १०४७)। शिक्षा गुरु–वीरचन्द, शुभदेव, महेन्द्रदेव, विजयदेव, रामसेन। कृति−तत्त्वानुशासन। समय−ई. श. ११ का उत्तरार्ध। (ती./३/२३२-२३८)। </li> | ||
<li> काष्ठसंघ के अनुसार क्षेमकीर्ति के शिष्य, रत्नकीर्ति के गुरु। समय−वि. १४३१ (ई. १३७४)। ( | <li> काष्ठसंघ के अनुसार क्षेमकीर्ति के शिष्य, रत्नकीर्ति के गुरु। समय−वि. १४३१ (ई. १३७४)। ( देखें - [[ इतिहास#7.9 | इतिहास / ७ / ९ ]])। </li> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
- इन्होंने मथुरा नगर में माथुर संघ चलाया। वीरसेन के शिष्य। समय−वि. ८८०-९२० (ई. ८२३-८६३)। ( देखें - इतिहास / ७ / ११ )।
- सेन संघी आचार्य। गुरु−नागसेन (ई. १०४७)। शिक्षा गुरु–वीरचन्द, शुभदेव, महेन्द्रदेव, विजयदेव, रामसेन। कृति−तत्त्वानुशासन। समय−ई. श. ११ का उत्तरार्ध। (ती./३/२३२-२३८)।
- काष्ठसंघ के अनुसार क्षेमकीर्ति के शिष्य, रत्नकीर्ति के गुरु। समय−वि. १४३१ (ई. १३७४)। ( देखें - इतिहास / ७ / ९ )।