लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार: Difference between revisions
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बजा दुंदुभी सार । जयजयकार ।।२ ।।<br> | बजा दुंदुभी सार । जयजयकार ।।२ ।।<br> | ||
उमग-२ नरनारी आते, नृत्य भजन संगीत सुनाते ।<br> | उमग-२ नरनारी आते, नृत्य भजन संगीत सुनाते ।<br> | ||
इन्द्र शचि ले लार । जयजयकार ।।३ ।।<br> | |||
प्रभू का रूप अनूप सुहाया, निरख निरख छवि हरि ललचाया ।<br> | प्रभू का रूप अनूप सुहाया, निरख निरख छवि हरि ललचाया ।<br> | ||
कीने नेत्र हजार । जयजयकार ।।४ ।।<br> | कीने नेत्र हजार । जयजयकार ।।४ ।।<br> |
Revision as of 05:50, 10 February 2008
लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार ।
त्रिशलानन्द कुमार जय जय कार जय जय कार ।।टेक ।।
आज खुशी है, आज खुशी है, तुम्हें खुशी है, हमें खुशी है ।
खुशियाँ अपरम्पार । जयजयकार ।।१ ।।
पुष्प और रत्नों की वर्षा, सुरपति करते हर्षा-२ ।
बजा दुंदुभी सार । जयजयकार ।।२ ।।
उमग-२ नरनारी आते, नृत्य भजन संगीत सुनाते ।
इन्द्र शचि ले लार । जयजयकार ।।३ ।।
प्रभू का रूप अनूप सुहाया, निरख निरख छवि हरि ललचाया ।
कीने नेत्र हजार । जयजयकार ।।४ ।।
जन्मोत्सव की शोभा भारी, देखो प्रभू की लगी सवारी ।
जुड़ रही भीड़ अपार । जयजयकार ।।५ ।।
आओ हम प्रभू गुण गावें, सत्य अहिंसा ध्वज लहरावें ।
जो जग मंगलकार । जयजयकार ।।६ ।।
पुण्य योग `सौभाग्य' हमारा, सफल हुआ है जीवन सारा ।
मिले मोक्ष दातार । जयजयकार ।।७ ।।