श्वेतवाहन: Difference between revisions
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Revision as of 23:57, 12 October 2022
सिद्धांतकोष से
चंपानगरी का राजा था। दीक्षा धारण कर एक मास का उपवास किया। चर्या में 'मेरे पुत्र ने गृहस्थों को मेरे लिए आहारदान करने को मना कर दिया है' ऐसा सुनकर वापस लौट आये। श्रेणिक महाराज द्वारा शंका निवारण कर दिये जाने पर इनका रोष दूर हुआ। अनंतर केवलज्ञान प्राप्त किया। (दे. महापुराण/76/8-29 )।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र में कुरुजांगल देश के हस्तिनापुर का एक सेठ । इसकी पत्नी बंधुमती और पुत्र शंख था । महापुराण 71. 260-261
(2) भरतक्षेत्र के अंग देश की चंपा नगरी का राजा । इसने भगवान् महावीर से धर्म का स्वरूप सुनकर और पुत्र विमलवाहन को राज्य देकर संयम धारण कर लिया था । इसकी दशलक्षण-धर्म में रुचि होने से यह धर्मरूचि नाम से प्रसिद्ध हुआ । महापुराण 76.8-29