सचित्त गुणयोग: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Revision as of 18:18, 20 December 2022
(धवला 10/4, 2, 4, 175/433-434/4) णोआगमभावजोगो तिविहो गुणजोगो संभवजोगो जुंजणजोगो चेदि । तत्थ गुणजोगो दुविहो सच्चित्तगुजोगो अच्चित्तगुणजोगो चेदि ।... तत्थ सच्चित्तगुणजोगो पंचविहो - ओदइओ ओवसमिओ खइओ खओवसमिओ पारिणामिओ चेदि । = − ....नोआगम भावयोग तीन प्रकार का है । गुणयोग, संभवयोग और योजनायोग । उनमें से गुणयोग दो प्रकार का है−सचित्तगुणयोग और अचित्तगुणयोग । उनमें से सचित्तगुण योग पाँच प्रकार का है−औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक और पारिणामिक| −अधिक जानकारी के लिए देखें योग । पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ