सिद्धसाधन हेत्वाभास: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= शब्द कान से सुना जाता है क्योंकि वह शब्द है। यहाँ पर शब्द में श्रावणत्व स्वयं सिद्ध है इसलिए शब्द में श्रावणत्व की सिद्धि के लिए प्रयुक्त शब्दत्व हेतु कुछ नहीं करता (अतः '''सिद्धसाधन हेत्वाभास''' है)।</p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ अकिंचित्कर हेत्वाभास ]]।</p> | |||
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(परीक्षामुख परिच्छेद 3/36-37)
सिद्धः श्रावणः शब्दः शब्दत्वात्। किंचिदकरणात्।
= शब्द कान से सुना जाता है क्योंकि वह शब्द है। यहाँ पर शब्द में श्रावणत्व स्वयं सिद्ध है इसलिए शब्द में श्रावणत्व की सिद्धि के लिए प्रयुक्त शब्दत्व हेतु कुछ नहीं करता (अतः सिद्धसाधन हेत्वाभास है)।
देखें अकिंचित्कर हेत्वाभास ।