सिद्धि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="GRef"> सिद्धि विनिश्चय/ मूल/1/2/6/</span> <span class="SanskritText">सिद्धिश्चेदुपलब्धिमात्रम् ।</span> = <span class="HindiText">उपलब्धि मात्र को सिद्धि कहते हैं।</span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 29: | Line 29: | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | [[Category: प्रथमानुयोग]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Revision as of 15:44, 19 March 2023
सिद्धांतकोष से
सिद्धि विनिश्चय/ मूल/1/2/6/ सिद्धिश्चेदुपलब्धिमात्रम् । = उपलब्धि मात्र को सिद्धि कहते हैं।
पुराणकोष से
(1) समस्त कर्मों के नष्ट हो जाने पर प्राप्त शिव-सुख । महापुराण 39.206
(2) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक वन । यहाँ चतुर्मुख मुनि को केवलज्ञान प्राप्त हुआ । महापुराण 48.79
(3) अग्रायणीयपूर्व की चौदह वस्तुओं में तेरहवी वस्तु । हरिवंशपुराण 10.80, देखें अग्रायणीयपूर्व
(4) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.145