सुर
From जैनकोष
ध.१३/५,५,१४०/३९१/७ तत्र अहिंसाद्यनुष्ठानरतय: सुरा नाम। =जिनकी अहिंसा आदि के अनुष्ठान में रति है वे सुर कहलाते हैं।
ध.१३/५,५,१४०/३९१/७ तत्र अहिंसाद्यनुष्ठानरतय: सुरा नाम। =जिनकी अहिंसा आदि के अनुष्ठान में रति है वे सुर कहलाते हैं।