सुवंक्षु: Difference between revisions
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<p class="HindiText">इसके कई रूप मिलते हैं यथा-सुचक्षु, सुवक्षु, एवं सपक्षु। इसकी उत्पत्ति मेरु के पश्चिमी सर सितोद से कही गयी है, जहाँ से निकलकर 'नानाम्लेच्छगणैर्युक्त:' केतुमाल महाद्वीप से बहती हुई, यह पश्चिम समुद्र में चली गयी है। वर्तमान आमू दरिया वा आक्शस ही सुवक्षु है, यह निर्विवाद है। इसके मंगोलियन नाम अक्शू और वक्शू, तिब्बती नाम पक्शू, तथा चीनी नाम पो-त्सू वा फो-त्सू, तथा आधुनिक स्थानिक नाम बखिश बखश और बंखा उक्त संस्कृत नामों से निकले हैं। प्राचीन काल से अभी थोड़े दिन पहले तक पामीर के पश्चिमी भाग वाली सिरीकोल झील (विक्टोरिया लेक) उसका उद्गम मानी जाती थी, जो पौराणिक सितोद सर हुई। इन दिनों यह आराल में गिरती है, किंतु पहले कैस्पियन में गिरती थी। यही चतुर्द्वीपी भूगोल का पश्चिम समुद्र है। <span class="GRef">( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना 140 A.N.Upadhey, H.L.Jain</span>)।</p> | |||
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Latest revision as of 11:08, 24 February 2024
इसके कई रूप मिलते हैं यथा-सुचक्षु, सुवक्षु, एवं सपक्षु। इसकी उत्पत्ति मेरु के पश्चिमी सर सितोद से कही गयी है, जहाँ से निकलकर 'नानाम्लेच्छगणैर्युक्त:' केतुमाल महाद्वीप से बहती हुई, यह पश्चिम समुद्र में चली गयी है। वर्तमान आमू दरिया वा आक्शस ही सुवक्षु है, यह निर्विवाद है। इसके मंगोलियन नाम अक्शू और वक्शू, तिब्बती नाम पक्शू, तथा चीनी नाम पो-त्सू वा फो-त्सू, तथा आधुनिक स्थानिक नाम बखिश बखश और बंखा उक्त संस्कृत नामों से निकले हैं। प्राचीन काल से अभी थोड़े दिन पहले तक पामीर के पश्चिमी भाग वाली सिरीकोल झील (विक्टोरिया लेक) उसका उद्गम मानी जाती थी, जो पौराणिक सितोद सर हुई। इन दिनों यह आराल में गिरती है, किंतु पहले कैस्पियन में गिरती थी। यही चतुर्द्वीपी भूगोल का पश्चिम समुद्र है। ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना 140 A.N.Upadhey, H.L.Jain)।