अकर्तृत्वनय: Difference between revisions
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<p class="HindiText">आत्मद्रव्य अकर्तृनय से केवल साक्षी ही है, अपने कार्य में प्रवृत्त रंगरेज को देखने वाले पुरुष की भांति। - देखें [[ नय#I.5.4 | नय - I.5.4]]।</p> | |||
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Latest revision as of 19:43, 8 January 2023
-एक नय
प्रवचनसार/तत्त्व प्रदीपिका/परिशिष्ठ/नय नं.39
अकर्तृनयेन स्वकर्मप्रवृत्तरञ्जकाध्यक्षवत्केवलमेव साक्षि।३९।
आत्मद्रव्य अकर्तृनय से केवल साक्षी ही है, अपने कार्य में प्रवृत्त रंगरेज को देखने वाले पुरुष की भांति। - देखें नय - I.5.4।