आंध्र: Difference between revisions
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<p class="HindiText">2. | <p class="HindiText">2. <span class="GRef">(महापुराण / प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)</span><br>-गोदावरी व कृष्णा नदी के बीच का क्षेत्र। इसकी राजधानी अंध्र नगर (वेंगी) थी। इसका अधिकांश भाग भाग्यपुर (हैदराबाद) में अंतर्भूत है। इसको त्रैलिंग (तेलंगा) देश भी कहते हैं। </p> | ||
<p class="HindiText">3. | <p class="HindiText">3. <span class="GRef">(धवला पुस्तक 1/प्रस्तावना 32/H.L.Jain)</span> <br>सितारा जिल के वह भाग भी आंध्र देश में ही था जिसमें आज वेण्या नदी बहती है, तथा जिसमें महिमानगढ़ नाम का ग्राम है।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> इंद्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 16.154 </span><br> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> इंद्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 16.154 </span><br> | ||
वृषभदेव की विहारभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 25.287-288 </span><br> | वृषभदेव की विहारभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 25.287-288 </span><br> | ||
भरतेश की दिग्विजय के समय उसके सेनापति ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.154,25. 287-288, 29.92 </span> | भरतेश की दिग्विजय के समय उसके सेनापति ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.154,25. 287-288, 29.92 </span> |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. मध्य आर्यखंड का एक देश। - देखें मनुष्य - 4;
2. (महापुराण / प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)
-गोदावरी व कृष्णा नदी के बीच का क्षेत्र। इसकी राजधानी अंध्र नगर (वेंगी) थी। इसका अधिकांश भाग भाग्यपुर (हैदराबाद) में अंतर्भूत है। इसको त्रैलिंग (तेलंगा) देश भी कहते हैं।
3. (धवला पुस्तक 1/प्रस्तावना 32/H.L.Jain)
सितारा जिल के वह भाग भी आंध्र देश में ही था जिसमें आज वेण्या नदी बहती है, तथा जिसमें महिमानगढ़ नाम का ग्राम है।
पुराणकोष से
इंद्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । महापुराण 16.154
वृषभदेव की विहारभूमि । महापुराण 25.287-288
भरतेश की दिग्विजय के समय उसके सेनापति ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । महापुराण 16.154,25. 287-288, 29.92