कुंड: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> प्रत्येक क्षेत्र में दो दो कुंड हैं जिनमें कि पर्वत से निकलकर नदियाँ पहले उन कुंडों में गिरती हैं। पीछे उन कुंडों में से निकलकर क्षेत्रों में बहती हैं। प्रत्येक कुंड में एक एक द्वीप है।–देखें [[ लोक#3.10 | लोक - 3.10]] | |||
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<p id="1"> (1) विद्याघरों का स्वामी, राम का एक महारथी योद्धा । <span class="GRef"> पद्मपुराण 54.34-35 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विद्याघरों का स्वामी, राम का एक महारथी योद्धा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#34|पद्मपुराण - 54.34-35]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) रावण का व्याघ्ररथासीन योद्धा । <span class="GRef"> पद्मपुराण 57.51-52 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) रावण का व्याघ्ररथासीन योद्धा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_57#51|पद्मपुराण - 57.51-52]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) विदेह देश का एक नगर, वर्द्धमान की जन्मभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 75. 7, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1. 72-86, </span>देखें [[ कुंडपुर ]]</p> | <p id="3" class="HindiText">(3) विदेह देश का एक नगर, वर्द्धमान की जन्मभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 75. 7, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1. 72-86, </span>देखें [[ कुंडपुर ]]</p> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
प्रत्येक क्षेत्र में दो दो कुंड हैं जिनमें कि पर्वत से निकलकर नदियाँ पहले उन कुंडों में गिरती हैं। पीछे उन कुंडों में से निकलकर क्षेत्रों में बहती हैं। प्रत्येक कुंड में एक एक द्वीप है।–देखें लोक - 3.10
पुराणकोष से
(1) विद्याघरों का स्वामी, राम का एक महारथी योद्धा । पद्मपुराण - 54.34-35
(2) रावण का व्याघ्ररथासीन योद्धा । पद्मपुराण - 57.51-52
(3) विदेह देश का एक नगर, वर्द्धमान की जन्मभूमि । महापुराण 75. 7, पांडवपुराण 1. 72-86, देखें कुंडपुर