द्रव्य-पल्य: Difference between revisions
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<p> एक योजन लंबे चौड़े तथा गहरे गर्त को तत्काल उत्पन्न भेड़ के बालों के अविभाज्य अग्रभाग से ठोक-ठोक कर भरे हुए गड्ढे में से प्रति सौवें वर्ष एक-एक बाल निकाला जाय और जब यह गर्त बालहीन हो जाय तो इसमें जितना समय लगता है वह समय पल्य कहलाता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20.74-76 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक योजन लंबे चौड़े तथा गहरे गर्त को तत्काल उत्पन्न भेड़ के बालों के अविभाज्य अग्रभाग से ठोक-ठोक कर भरे हुए गड्ढे में से प्रति सौवें वर्ष एक-एक बाल निकाला जाय और जब यह गर्त बालहीन हो जाय तो इसमें जितना समय लगता है वह समय पल्य कहलाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#74|पद्मपुराण - 20.74-76]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
एक योजन लंबे चौड़े तथा गहरे गर्त को तत्काल उत्पन्न भेड़ के बालों के अविभाज्य अग्रभाग से ठोक-ठोक कर भरे हुए गड्ढे में से प्रति सौवें वर्ष एक-एक बाल निकाला जाय और जब यह गर्त बालहीन हो जाय तो इसमें जितना समय लगता है वह समय पल्य कहलाता है । पद्मपुराण - 20.74-76