मंदर-स्तूप: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> समवसरण का स्तूप । इसकी चारों दिशाओं में जिन प्रतिमाएँ स्थापित होती हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.98 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समवसरण का स्तूप । इसकी चारों दिशाओं में जिन प्रतिमाएँ स्थापित होती हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#98|हरिवंशपुराण - 57.98]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
समवसरण का स्तूप । इसकी चारों दिशाओं में जिन प्रतिमाएँ स्थापित होती हैं । हरिवंशपुराण - 57.98