सुरेंद्रता: Difference between revisions
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<p> लोक में उत्कृष्ट माने गये सप्त परमस्थानों में चतुर्थ स्थान । पारिव्राज्य के फलस्वरूप | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लोक में उत्कृष्ट माने गये सप्त परमस्थानों में चतुर्थ स्थान । पारिव्राज्य के फलस्वरूप सुरेंद्र पद का मिलना सुरेंद्रता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.67, 39.201 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
लोक में उत्कृष्ट माने गये सप्त परमस्थानों में चतुर्थ स्थान । पारिव्राज्य के फलस्वरूप सुरेंद्र पद का मिलना सुरेंद्रता है । महापुराण 38.67, 39.201