स्वयंभूस्तोत्र: Difference between revisions
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Revision as of 22:15, 27 February 2016
आ.समन्तभद्र (ई.श.२) कृत यह ग्रन्थ संस्कृत छन्दों में रचा गया है। इसमें २४ तीर्थंकरों का स्तवन किया है, और वह भी न्यायपूर्वक अनेकान्त की स्थापना करते हुए। २,३ के अतिरिक्त सभी तीर्थंकरों के स्तवन में ५,५ श्लोक हैं। कुल श्लोक १४३ हैं।