आत्मव्यवहार: Difference between revisions
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प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / गाथा संख्या ९४/१११ अवचलितचेतनाविलासमात्रादात्मव्यवहारात्।
= `मात्र अविचलित चेतना ही मैं हूँ' ऐसा मानना परिणमना सो आत्म व्यवहार है।