स्थितिबंध: Difference between revisions
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Revision as of 15:17, 13 May 2020
कर्मबन्ध का एक भेद । ऐसा बन्ध होने पर कर्म अपने काल की मर्यादा तक रहते हैं । यह बन्ध कषाय के निमित्त से होता है । महापुराण 20.254, हरिवंशपुराण 39.2, 58.203, 210, 214