तथाविधत्व: Difference between revisions
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Revision as of 16:29, 5 July 2020
प्र.सा./ता.वृ./९५/१२५/१५ तथाविधत्वं कोऽर्थ:, उत्पादव्ययध्रौव्यगुणपर्यायस्वरूपेण परिणमन्ति तथा सर्वद्रव्याणि स्वकीयस्वकीययथोचितोत्पादव्ययध्रौव्यैस्तथैव गुणपर्यायैश्च सह यद्यपि संज्ञालक्षणप्रयोजनादिभिर्भेदं कुर्वन्ति तथापि सत्तास्वरूपेण भेदं न कुर्वन्ति, स्वभावत एव तथाविधत्वमवलम्बते। =प्रश्न–तथाविधत्व का क्या अर्थ है ? उत्तर–(द्रव्य) उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य, और गुण पर्यायों स्वरूप से परिणमन करते हैं। वो ऐसे–सर्व ही द्रव्य अपने-अपने यथोचित उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य के साथ और गुण पर्यायों के साथ यद्यपि संज्ञा, लक्षण और प्रयोजनादि से भेद को प्राप्त होते हैं, तथापि सत्तास्वरूप द्रव्य से भेद को प्राप्त नहीं होते हैं। स्वभाव से ही उस स्वरूप का अवलम्बन करते हैं।