अरे हो अज्ञानी तूने कठिन मनुषभव पायो: Difference between revisions
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(राग मल्हार)
अरे हो अज्ञानी तूने कठिन मनुषभव पायो ।।टेक ।।
लोचनरहित मनुषके करमें, ज्यों बटेर खग आयो ।।१ ।।
सो तू खोवत विषयनमाहीं, धरम नहीं चित लायो ।।२ ।।
`भागचन्द' उपदेश मान अब, जो श्रीगुरु फरमायो ।।३ ।।