अर्थ संदृष्टि: Difference between revisions
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<p>( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 4/886)।</p> | <p>( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 4/886)।</p> | ||
Revision as of 16:17, 19 August 2020
आ नेमिचंद्र सिद्धांत चक्रवर्ती (इ.663-713) कृत गोमट्टसार, लब्धिसार व क्षपणसार इन तीनों ग्रंथोंमें प्रयुक्त गणितके आधारपर पं. टोडरमल्लने तीनों संबंधी तीन अर्थ संदृष्टियाँ रची हैं। समय-लगभग वि. 1814 ई.1757
( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 4/886)।