जंबूवृक्ष: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> जंबूद्वीप के उत्तरकुरु में स्थित एक अनादिनिधन वृक्ष तथा इसका परिवार। देखें [[ लोक#3.13 | लोक - 3.13]]। </li> | <li> जंबूद्वीप के उत्तरकुरु में स्थित एक अनादिनिधन वृक्ष तथा इसका परिवार। देखें [[ लोक#3.13 | लोक - 3.13]]। </li> | ||
Line 15: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> जंबूद्वीप का एक जिनालयों से युक्त महावृक्ष । इसके ऊपर निर्मित भवनों में किल्विषक जाति के देवों से आवृत अनावृत नाम का देव रहता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 3. 38-39,48 </span>देखें [[ जंबूद्रुम ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप का एक जिनालयों से युक्त महावृक्ष । इसके ऊपर निर्मित भवनों में किल्विषक जाति के देवों से आवृत अनावृत नाम का देव रहता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 3. 38-39,48 </span>देखें [[ जंबूद्रुम ]]</p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- जंबूद्वीप के उत्तरकुरु में स्थित एक अनादिनिधन वृक्ष तथा इसका परिवार। देखें लोक - 3.13।
- यह वृक्ष पृथिवीकायिक है वनस्पतिकायिक नहीं–देखें वृक्ष ।
पुराणकोष से
जंबूद्वीप का एक जिनालयों से युक्त महावृक्ष । इसके ऊपर निर्मित भवनों में किल्विषक जाति के देवों से आवृत अनावृत नाम का देव रहता है । पद्मपुराण 3. 38-39,48 देखें जंबूद्रुम