विद्युन्मती: Difference between revisions
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<p id="1">(1) पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के पश्चिम की ओर सरिद् देश में वीतशोक नगर के राजा चक्रध्वज की दूसरी रानी । इसकी पुत्री पद्मावती वेश्या होने के निदानपूर्वक मरकर स्वर्ग में अप्सरा हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-368 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के पश्चिम की ओर सरिद् देश में वीतशोक नगर के राजा चक्रध्वज की दूसरी रानी । इसकी पुत्री पद्मावती वेश्या होने के निदानपूर्वक मरकर स्वर्ग में अप्सरा हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-368 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कृष्ण की पटरानी गांधारी की पूर्वभव की जननी । यह गगनवल्लभ नगर के राजा विद्याधर विद्युवेग की रानी थी । गांधारी का जीव विनयश्री इसकी पुत्री थी जो नित्यालोक नगर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 89-91 </span></p> | <p id="2">(2) कृष्ण की पटरानी गांधारी की पूर्वभव की जननी । यह गगनवल्लभ नगर के राजा विद्याधर विद्युवेग की रानी थी । गांधारी का जीव विनयश्री इसकी पुत्री थी जो नित्यालोक नगर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 89-91 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
(1) पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के पश्चिम की ओर सरिद् देश में वीतशोक नगर के राजा चक्रध्वज की दूसरी रानी । इसकी पुत्री पद्मावती वेश्या होने के निदानपूर्वक मरकर स्वर्ग में अप्सरा हुई थी । महापुराण 62.364-368
(2) कृष्ण की पटरानी गांधारी की पूर्वभव की जननी । यह गगनवल्लभ नगर के राजा विद्याधर विद्युवेग की रानी थी । गांधारी का जीव विनयश्री इसकी पुत्री थी जो नित्यालोक नगर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । हरिवंशपुराण 60. 89-91