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| <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र में उत्तरदिशा की ओर स्थित एक देश । भरतेश क भाई ने इस देश का राज्य त्याग कर वृषभदेव के समीप दीक्षा धारण कर ली थी । भरतेश को यहाँ के घोड़े भेंट में प्राप्त हुए थे । महापुराण 16.155, 30.107, 75.3, हरिवंशपुराण 3.5, 11.62, 67, 44.33</p>
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| <p id="2">(2) जम्बूद्वीप की प्रसिद्ध चौदह महानदियों में दूसरी नदी । यह पद्म सरोवर के पश्चिम द्वार से निकली है तथा पश्चिम समुद्र में प्रवेश करती हे । दिग्विजय के समय भरतेश का सेनापति यहाँ ससैन्य आया था । वृषभदेव के राज्याभिषेक के लिए यहाँ का जल लाया गया था । महापुराण 16.209, 19.105, 28.61, 29.61, 32.122, 63.195, हरिवंशपुराण 5.122-123, 132, 11.39</p>
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| <p id="3">(3) सिन्धुकूट की एक देवी । इसने चकवर्ती भरतेश को वस्त्र, आभूषण तथा दिव्य आसन भेंट में दिये थे । महापुराण 32.79-83, हरिवंशपुराण 11. 40</p>
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