कालानुयोग - संज्ञी मार्गणा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
mNo edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="hd"><strong>13. संज्ञी मार्गणा—</strong></span> | ||
<table width="1290" border="1" cellpadding="0" cellspacing="0" class="HindiText"> | <table width="1290" border="1" cellpadding="0" cellspacing="0" class="HindiText"> | ||
<tr> | <tr> | ||
Line 117: | Line 117: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 15 September 2022
13. संज्ञी मार्गणा—
मार्गणा |
गुणस्थान |
नाना जीवापेक्षया |
एक जीवापेक्षया |
||||||||||||
प्रमाण |
जघन्य |
विशेष |
उत्कृष्ट |
विशेष |
प्रमाण |
जघन्य |
विशेष |
उत्कृष्ट |
विशेष |
||||||
नं.1 |
नं.2 |
नं.1 |
नं.3 |
||||||||||||
|
|||||||||||||||
संज्ञी |
... |
|
52-53 |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
|
205-206 |
क्षुद्रभव |
भवपरिवर्तन |
सागर शत-पृथक्त्व |
परिभ्रमण |
||
असंज्ञी |
... |
|
52-53 |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
|
208-209 |
क्षुद्रभव |
भवपरिवर्तन |
असं.पु.परिवर्तन |
एकेंद्रियों में परिभ्रमण |
||
संज्ञी |
1 |
330 |
|
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
331-332 |
|
अंतर्मु. |
भव या गुणस्थान परिवर्तन |
सागर शत-पृथक्त्व |
परिभ्रमण |
||
|
2-14 |
333 |
— |
— |
मूलोघवत् |
— |
— |
333 |
|
|
मूलोघवत् |
|
|
||
असंज्ञी |
1 |
334 |
|
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
सर्वदा |
विच्छेदाभाव |
335-336 |
|
क्षुद्रभव |
भव परिवर्तन |
असं.पु.परिवर्तन |
एकेंद्रियों में परिभ्रमण |