सिंहवाह: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> कंस की नागशय्या । कृष्ण ने इस शय्या पर चढ़कर अजितंजय नामक धनुष चढ़ाया था तथा पाँचजन्य शंख फूंका था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 35.72-77 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कंस की नागशय्या । कृष्ण ने इस शय्या पर चढ़कर अजितंजय नामक धनुष चढ़ाया था तथा पाँचजन्य शंख फूंका था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_35#72|हरिवंशपुराण - 35.72-77]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
कंस की नागशय्या । कृष्ण ने इस शय्या पर चढ़कर अजितंजय नामक धनुष चढ़ाया था तथा पाँचजन्य शंख फूंका था । हरिवंशपुराण - 35.72-77