पद्मनंदि पंचविंशतिका: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> | <p class="HindiText">पद्मनंदि पंचविंशतिका आचार्य पद्मनन्दि (ई.11 का उत्तरार्ध) द्वारा संस्कृत छन्दों में रचित गृहस्थ धर्म प्ररूपक महान ग्रन्थ है। इसमें 25 अधिकार तथा कुल 800 श्लोाक हैं। ती. /3/129-140)।</p> | ||
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पद्मनंदि पंचविंशतिका आचार्य पद्मनन्दि (ई.11 का उत्तरार्ध) द्वारा संस्कृत छन्दों में रचित गृहस्थ धर्म प्ररूपक महान ग्रन्थ है। इसमें 25 अधिकार तथा कुल 800 श्लोाक हैं। ती. /3/129-140)।